Friday 19 July 2013

Brief Report and Pics of Career Talk @ Ajmer

कॅरिअर टॉक @ अजमेर 

बीते शुक्रवार को अजमेर के इण्डोर स्टेडियम के सभागार में जगन्नाथ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग की ओर से कॅरिअर टॉक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका विषय था जनसंचार में संभावनाएं और चुनौतियां। कार्यक्रम में शिक्षा और विविध जन माध्यमों से सम्बद्ध वरिष्ठ मीडिया विशेषज्ञ आमन्त्रित किये गए। प्रस्तुत है एक संक्षिप्त रिपोर्ट-

जयपुर से चलकर सीधे अजमेर के जाने-माने सोफ़िया कॉलेज के मुख्य दरवाजे पर पहुंचे। वहां हमारे स्थानीय समन्वयक और वरिष्ठ पत्रकार श्री क्षितिज़ गौड़ से मुलाकात हुई। यहाँ से इण्डोर सभागार पहुंचे और वहां की व्यवस्थाओं को देखा। इसके बाद दुनियाभर में मशहूर ख्वाजा साहब की दरगाह पर जियारत करने के लिए पहुंचे। दिल्ली गेट पर टाईम्स ऑफ इंडिया के प्रेस फोटोग्राफर श्री अली और दरगाह के एक खादिम ने हमारी अगवानी की और दरगाह के मुख्य द्वार तक गाड़ी को ले जाने और जियारत करने में मदद की। हमने मैनेजमेंट और समस्त स्टाफ की ओर से विश्वविद्यालय की तरक्की और खुशहाली के लिए गरीब नवाज के दर पर दुआ मांगी और साथ ही उनकी शान में चादर और फूल पेश किए। इस मौके पर कॅरिअर टॉक कार्यक्रम के एक गेस्ट स्पीकर श्री संजय मलिक भी साथ थे।

कार्यक्रम तयशुदा समय पर शुरू हुआ। मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक नवज्योति के प्रधान संपादक श्री दीनबन्धु चौधरी ने प्रिंट मीडिया में विश्वसनीयता को मुख्य स्तंभ बताते हुए एक रिपोर्टर को समाचार देने से पहले पूरी जांच की सीख दी। उन्होंने जल्दबाजी और खबरों को मसालेदार बनाने की मानसिकता से भी परहेज करने को कहा। श्री चौधरी ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि इस क्षेत्र में अब डिग्रीधारी और काबिल लोग सामने आने लगे हैं। साथ ही निजी या स्ववित्तपोषित विश्वविद्यालयों में जिस तरह से प्रोफेशनल कोर्सेज में नई पीढ़ी को तराशा जा रहा है, वह निश्चित रूप से आशाजनक है। उन्होंने कहा कि समाचार लेखन में सजगता, सावधानी और निष्पक्षता महत्वपूर्ण है जो समाज में मीडिया के विश्वास को बनाये रखती है। उन्होंने प्रिंट मीडिया में न्यूज़ प्रोडक्शन और अपने तजुर्बे को विस्तार से बताया।

राजस्थान सरकार के जनसंपर्क विभाग में उप-निदेशक श्री प्यारे मोहन त्रिपाठी ने कहा कि मास कम्यूनिकेशन की बढती मांग को देखते हुए इसमें
कॅरिअर की काफी संभावनाएं बनी है। उन्होंने निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में जनसंपर्क को लेकर बढ़ रहे बेहतर अवसरों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने मीडिया और जनसंपर्क दोनों में समानताओं को बताया और कहा कि जरूरत है कि युवा इसे चुनौति मानते हुए इस क्षेत्र में आगे बढ़ें।

डाक्यूमेन्टरी और एड फिल्म मेकर श्री संजय मलिक ने कहा कि फिल्म मेकिंग एक बहुत बड़ा और व्यापक संभावनाओं वाला क्षेत्र है और इसमें
कॅरिअर के बेहतरीन अवसर हैं। फिल्म मेंकिंग में प्री-प्रोडक्शन, प्रोडक्शन और पोस्ट-प्रोडक्शन के तीनों स्तरों पर विभिन्न जॉब टाइटल्स और उनके बारे में सिलसिलेवार बताया। श्री मलिक ने इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के कुछ मौजूदा युवा फिल्मकारों और फिल्म विधा से जुड़े अन्य कई युवा चेहरों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में निजी पहल की प्रशंसा की और ज्यादा संख्या में इस पेशे में युवाओं को प्रशिक्षित करने की जरूरत बताई।

राजकीय महाविद्यालय, अजमेर में समाजशास्त्र की वरिष्ठ व्याख्याता डॉ रेणू जांगिड ने मीडिया के बढ़ते प्रभाव में नैतिकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मीडिया केवल उद्योग की तरह काम न करके विश्वसनीयता और नैतिक मूल्य प्रदान करे। उन्होंने युवाओं को सही दिशा देने के लिए मीडिया को महत्वपूर्ण माना। डॉ रेणू ने कहा कि समाज की जड़ताओं और विषमताओं को ख़त्म करने की दिशा में मीडिया कारगर भूमिका निभा सकता है।

माय एफएम रेडियो स्टेशन में कार्यकारी प्रोड्यूसर के तौर पर कार्यरत श्री रजत मेघनानी ने कहा कि रेडियो क्षेत्र में महती संभावनाएं हैं। आने वाले समय में करीब 750 कम्युनिटी और एफएम रेडियो स्टेशन आ रहे हैं। और इस क्षेत्र को उन युवाओं की जरूरत है जो अपने आप पर विश्वास रखते हैं। इस क्षेत्र में प्रतिभा की महत्ता है। इस क्षेत्र में कम्यूनिकेशन स्कील्स् और विजन आगे बढ़ाता है। उन्होंने बहुत ही दिलचस्प ढंग से खुद के बचपन और कॅरिअर को चुनने की कहानी बताते हुए कहा कि खुद की पसंद का कॅरिअर चुनना लव मैरिज की तरह ही है। लव मैरिज में आप माता-पिता को कन्विंस करते हैं और अरेंज मैरिज में माता-पिता आप को। ठीक इसी तरह से कॅरिअर को लेकर भी होता है। उन्होंने बताया कि वो खुद भी बी-टेक करने के बाद इस बात को समझ पाए कि उन्हें जिंदगी में बनना तो कुछ ओर ही था और डिग्री करली इन्जीनियरिंग में। लेकिन मैंने अपनी दिल की आवाज सुनी और नतीजा सामने है। इसलिए बने बनाए रस्ते और ढर्रे पर तो सभी चलते हैं, लेकिन जो अपना रास्ता खुद बनाते हैं, वो बिलकुल अलग अंदाज में अपनी राह चुनते हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री हरीसिंह आसनानी ने कहा कि बदलते समय के साथ मीडिया की जिम्मेदारियां बढ गई हैं और इसके लिए जरूरी है कि मीडिया इस बात पर चिंतन कर संवेदनशील बनें। इसमें कोई शक नहीं कि समाज के लिए मीडिया अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतांत्रिक सरकार को जनता के प्रति सजग और जवाबदेह बनाता है। यह लोकतंत्र का एक महत्वूपर्ण स्तम्भ है। मीडिया आरटीआई सूचना के अधिकार से कहीं ज्यादा कारगर है, लेकिन मीडिया को समाचार और विचारों में अन्तर करना होगा तथा निष्पक्षता और नैतिकता को बनाये रखना होगा। सनसनी फैलाकर मजा लेना मीडिया का काम नहीं है। आसनानी ने मीडिया की जिम्मेदारी तय करते हुए मीडिया शिक्षण और प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण माना। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि मीडिया समाज के प्रति अपना दायित्व और सजगता के साथ निभाए।

इससे पहले विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ संजय मिश्र ने बदलते समय में युवाओं को अपनी प्रतिभा के अनुसार कॅरिअर चुनने की सलाह दी, जिससे वह न केवल उस क्षेत्र को अपना पूरा योगदान दे, सके बल्कि उस क्षेत्र में ऊँचाइयों तक पहुँच सके। उन्होंने इस सेमीनार के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि आज युवा अपने माता-पिता के सपनों के नाम पर केवल मेडिकल और इंजीनियरिंग विषय की ओर जबरन धकेले जा रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि इसके चलते एक बड़ी संख्या में नए बच्चे मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। आज आवश्यकता है बच्चों की स्वाभाविक रूचि और रुझानों को समझने की, ताकि उनकी योग्यता और कौशल के साथ न्याय किया जा सके। डॉ संजय ने सीबीएसई पाठ्यक्रम में मास कम्युनिकेशन को शामिल करने के फैसले का स्वागत किया और उम्मीद की, कि आने वाले समय में मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में प्रशिक्षित युवा अपने हुनर से इस इंडस्ट्री को अपना बेस्ट देकर अपनी तकदीर लिखेंगे। डॉ संजय ने राजस्थान में उत्तर भारत के अन्य राज्यों की बजाय मास कम्युनिकेशन विषय के बारे में जन सामान्य और पढ़े-लिखे तबके में भी जानकारी के अभाव को रेखांकित किया। उन्होंने क्रिएटिव युवाओं से मास कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में आगे आने की अपील की।

सेमीनार में एडवोकेट किशनगोपाल खत्री, सुश्री सुमन शर्मा आदि श्रोताओं ने वक्ताओं से मीडिया क्षेत्र से जुडे कई प्रश्न पूछे। कार्यक्रम का संचालन स्थानीय कोचिंग संस्थान की संचालिका श्रीमती नैना शर्मा और धन्यवाद ज्ञापन श्री क्षितिज़ गौड़ ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को रोज़ बड्स देकर स्वागत किया गया। सभी अथितियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गए। कार्यक्रम के पश्चात सभी के लिए जलपान की व्यवस्था थी। समाचार प्रेषण, फोटोग्राफी और अन्य व्यवस्थाओं में विभाग के धर्मेन्द्र सैनी ने सहयोग किया। आते और जाते समय अच्छी ड्राइविंग के साथ मखमली और खूबसूरत ग़ज़लों के लिए श्री सुशील शर्मा भी धन्यवाद के पात्र हैं।

जयपुर से चलकर सीधे अजमेर के जाने-माने सोफ़िया कॉलेज के मुख्य दरवाजे पर पहुंचे। वहां हमारे स्थानीय समन्वयक और वरिष्ठ पत्रकार श्री क्षितिज़ गौड़ से मुलाकात हुई। यहाँ से इण्डोर सभागार पहुंचे और वहां की व्यवस्थाओं को देखा। इसके बाद दुनियाभर में मशहूर ख्वाजा साहब की दरगाह पर जियारत करने के लिए पहुंचे। दिल्ली गेट पर टाईम्स ऑफ इंडिया के प्रेस फोटोग्राफर श्री अली और दरगाह के एक खादिम ने हमारी अगवानी की और दरगाह के मुख्य द्वार तक गाड़ी को ले जाने और जियारत करने में मदद की। हमने मैनेजमेंट और समस्त स्टाफ की ओर से विश्वविद्यालय की तरक्की और खुशहाली के लिए गरीब नवाज के दर पर दुआ मांगी और साथ ही उनकी शान में चादर और फूल पेश किए। इस मौके पर कॅरिअर टॉक कार्यक्रम के एक गेस्ट स्पीकर श्री संजय मलिक भी साथ थे। 
कार्यक्रम तयशुदा समय पर शुरू हुआ। मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक नवज्योति के प्रधान संपादक श्री दीनबन्धु चौधरी ने प्रिंट मीडिया में विश्वसनीयता को मुख्य स्तंभ बताते हुए एक रिपोर्टर को समाचार देने से पहले पूरी जांच की सीख दी। उन्होंने जल्दबाजी और खबरों को मसालेदार बनाने की मानसिकता से भी परहेज करने को कहा। श्री चौधरी ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि इस क्षेत्र में अब डिग्रीधारी और काबिल लोग सामने आने लगे हैं। साथ ही निजी या स्ववित्तपोषित विश्वविद्यालयों में जिस तरह से प्रोफेशनल कोर्सेज में नई पीढ़ी को तराशा जा रहा है, वह निश्चित रूप से आशाजनक है। उन्होंने कहा कि समाचार लेखन में सजगता, सावधानी और निष्पक्षता महत्वपूर्ण है जो समाज में मीडिया के विश्वास को बनाये रखती है। उन्होंने प्रिंट मीडिया में न्यूज़ प्रोडक्शन और अपने तजुर्बे को विस्तार से बताया।
राजस्थान सरकार के जनसंपर्क विभाग में उप-निदेशक श्री प्यारे मोहन त्रिपाठी ने कहा कि मास कम्यूनिकेशन की बढती मांग को देखते हुए इसमेंकॅरिअर की काफी संभावनाएं बनी है। उन्होंने निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में जनसंपर्क को लेकर बढ़ रहे बेहतर अवसरों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने मीडिया और जनसंपर्क दोनों में समानताओं को बताया और कहा कि जरूरत है कि युवा इसे चुनौति मानते हुए इस क्षेत्र में आगे बढ़ें। 
डाक्यूमेन्टरी और एड फिल्म मेकर श्री संजय मलिक ने कहा कि फिल्म मेकिंग एक बहुत बड़ा और व्यापक संभावनाओं वाला क्षेत्र है और इसमेंकॅरिअर के बेहतरीन अवसर हैं। फिल्म मेंकिंग में प्री-प्रोडक्शन, प्रोडक्शन और पोस्ट-प्रोडक्शन के तीनों स्तरों पर विभिन्न जॉब टाइटल्स और उनके बारे में सिलसिलेवार बताया। श्री मलिक ने इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के कुछ मौजूदा युवा फिल्मकारों और फिल्म विधा से जुड़े अन्य कई युवा चेहरों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में निजी पहल की प्रशंसा की और ज्यादा संख्या में इस पेशे में युवाओं को प्रशिक्षित करने की जरूरत बताई। 
राजकीय महाविद्यालय, अजमेर में समाजशास्त्र की वरिष्ठ व्याख्याता डॉ रेणू जांगिड ने मीडिया के बढ़ते प्रभाव में नैतिकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मीडिया केवल उद्योग की तरह काम न करके विश्वसनीयता और नैतिक मूल्य प्रदान करे। उन्होंने युवाओं को सही दिशा देने के लिए मीडिया को महत्वपूर्ण माना। डॉ रेणू ने कहा कि समाज की जड़ताओं और विषमताओं को ख़त्म करने की दिशा में मीडिया कारगर भूमिका निभा सकता है। 
माय एफएम रेडियो स्टेशन में कार्यकारी प्रोड्यूसर के तौर पर कार्यरत श्री रजत मेघनानी ने कहा कि रेडियो क्षेत्र में महती संभावनाएं हैं। आने वाले समय में करीब 750 कम्युनिटी और एफएम रेडियो स्टेशन आ रहे हैं। और इस क्षेत्र को उन युवाओं की जरूरत है जो अपने आप पर विश्वास रखते हैं। इस क्षेत्र में प्रतिभा की महत्ता है। इस क्षेत्र में कम्यूनिकेशन स्कील्स् और विजन आगे बढ़ाता है। उन्होंने बहुत ही दिलचस्प ढंग से खुद के बचपन और कॅरिअर को चुनने की कहानी बताते हुए कहा कि खुद की पसंद का कॅरिअर चुनना लव मैरिज की तरह ही है। लव मैरिज में आप माता-पिता को कन्विंस करते हैं और अरेंज मैरिज में माता-पिता आप को। ठीक इसी तरह से कॅरिअर को लेकर भी होता है। उन्होंने बताया कि वो खुद भी बी-टेक करने के बाद इस बात को समझ पाए कि उन्हें जिंदगी में बनना तो कुछ ओर ही था और डिग्री करली इन्जीनियरिंग में। लेकिन मैंने अपनी दिल की आवाज सुनी और नतीजा सामने है। इसलिए बने बनाए रस्ते और ढर्रे पर तो सभी चलते हैं, लेकिन जो अपना रास्ता खुद बनाते हैं, वो बिलकुल अलग अंदाज में अपनी राह चुनते हैं। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री हरीसिंह आसनानी ने कहा कि बदलते समय के साथ मीडिया की जिम्मेदारियां बढ गई हैं और इसके लिए जरूरी है कि मीडिया इस बात पर चिंतन कर संवेदनशील बनें। इसमें कोई शक नहीं कि समाज के लिए मीडिया अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतांत्रिक सरकार को जनता के प्रति सजग और जवाबदेह बनाता है। यह लोकतंत्र का एक महत्वूपर्ण स्तम्भ है। मीडिया आरटीआई सूचना के अधिकार से कहीं ज्यादा कारगर है, लेकिन मीडिया को समाचार और विचारों में अन्तर करना होगा तथा निष्पक्षता और नैतिकता को बनाये रखना होगा। सनसनी फैलाकर मजा लेना मीडिया का काम नहीं है। आसनानी ने मीडिया की जिम्मेदारी तय करते हुए मीडिया शिक्षण और प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण माना। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि मीडिया समाज के प्रति अपना दायित्व और सजगता के साथ निभाए। 
इससे पहले विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ संजय मिश्र ने बदलते समय में युवाओं को अपनी प्रतिभा के अनुसार कॅरिअर चुनने की सलाह दी, जिससे वह न केवल उस क्षेत्र को अपना पूरा योगदान दे, सके बल्कि उस क्षेत्र में ऊँचाइयों तक पहुँच सके। उन्होंने इस सेमीनार के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि आज युवा अपने माता-पिता के सपनों के नाम पर केवल मेडिकल और इंजीनियरिंग विषय की ओर जबरन धकेले जा रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि इसके चलते एक बड़ी संख्या में नए बच्चे मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। आज आवश्यकता है बच्चों की स्वाभाविक रूचि और रुझानों को समझने की, ताकि उनकी योग्यता और कौशल के साथ न्याय किया जा सके। डॉ संजय ने सीबीएसई पाठ्यक्रम में मास कम्युनिकेशन को शामिल करने के फैसले का स्वागत किया और उम्मीद की, कि आने वाले समय में मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में प्रशिक्षित युवा अपने हुनर से इस इंडस्ट्री को अपना बेस्ट देकर अपनी तकदीर लिखेंगे। डॉ संजय ने राजस्थान में उत्तर भारत के अन्य राज्यों की बजाय मास कम्युनिकेशन विषय के बारे में जन सामान्य और पढ़े-लिखे तबके में भी जानकारी के अभाव को रेखांकित किया। उन्होंने क्रिएटिव युवाओं से मास कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में आगे आने की अपील की। 
सेमीनार में एडवोकेट किशनगोपाल खत्री, सुश्री सुमन शर्मा आदि श्रोताओं ने वक्ताओं से मीडिया क्षेत्र से जुडे कई प्रश्न पूछे। कार्यक्रम का संचालन स्थानीय कोचिंग संस्थान की संचालिका श्रीमती नैना शर्मा और धन्यवाद ज्ञापन श्री क्षितिज़ गौड़ ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को रोज़ बड्स देकर स्वागत किया गया। सभी अथितियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गए। कार्यक्रम के पश्चात सभी के लिए जलपान की व्यवस्था थी। समाचार प्रेषण, फोटोग्राफी और अन्य व्यवस्थाओं में विभाग के धर्मेन्द्र सैनी ने सहयोग किया। आते और जाते समय अच्छी ड्राइविंग के साथ मखमली और खूबसूरत ग़ज़लों के लिए श्री सुशील शर्मा भी धन्यवाद के पात्र हैं।










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